• बिहार में लोक आस्था के महापर्व चैती छठ की धूम, गंगा घाटों पर उमड़े श्रद्धालु

    लोक आस्था के महापर्व चैती छठ को लेकर गुरुवार को पटना के गंगा घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। चैती छठ के तीसरे दिन व्रतियों ने गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया

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    पटना। लोक आस्था के महापर्व चैती छठ को लेकर गुरुवार को पटना के गंगा घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। चैती छठ के तीसरे दिन व्रतियों ने गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।

    पटना सहित बिहार के विभिन्न स्थानों पर गंगा तट से लेकर विभिन्न जलाशयों के किनारे श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की।

    चैती छठव्रती भक्तिभाव से अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठ घाटों पर एकत्र हुए। छठ को लेकर पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की मदद से निगरानी बढ़ा दी है। पुलिस बल के साथ-साथ एसडीआरएफ की टीमों को भी घाटों पर तैनात किया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

    गंगा घाटों पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई। घाटों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है और प्रशासन लगातार व्यवस्था पर नजर बनाए हुए है। इस चार दिवसीय अनुष्ठान के अंतिम दिन शुक्रवार को व्रती सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे।

    दानापुर थाना की पुलिस अधिकारी पूजा राठी ने कहा कि चैती छठ के अवसर पर पूरे शहर में भक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है। श्रद्धालु बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ इस महापर्व को मना रहे हैं। उनसे अपील की गई है कि वे नियमों का पालन करें और घाटों पर सतर्कता बनाए रखें।

    व्रतियों ने बुधवार शाम भगवान भास्कर की आराधना की थी और खरना किया था। खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया। पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी शुक्रवार को उगते सूर्य के अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालुओं का व्रत समाप्त हो जाएगा। इसके बाद व्रती फिर अन्न-जल ग्रहण कर 'पारण' करेंगे।

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